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INDIAN FARMER PROTEST - किसान अंदोलन

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INDIAN FARMER PROTEST - किसान अंदोलन   भारत की राजधानी दिल्ली मै आजकल किसान आंदोलन की वजह से आम पब्लिक बहुत परेशान है ! कृषि सुधार बिल भारत सरकार ने अभी कुछ दिनों पहले ही कृषि सुधार के लिए तीन बिल पास किये है. जब बिल पास हुए थे तब सभी राज्य सरकारों ने इनका स्वागत किया था लेकिन धीरे धीरे इन बिलो के विरोध में आवाज उठने लगी इसमें सभी विपक्षी दलों ने अपने अपने तरीके से लोगो को जुड़ने के लिए आवाहन किया और बिल के विरोध में एक माहौल बनाना शुरू क्र दिया इसका परिणाम यह हुआ की कुछ लोगो की आवाज बनने वाला यह विरोध एक बहुत बड़े आंदोलन मैं बदल गया।  किर्षि सुधारो के लिए भारत सरकार के बनाये गए बिलो को वापिस लेने के लिए लोगो ने इनका विरोध शुरू कर दिया इसके साथ ही साथ कई सारे किसान संघठन भी इसमें जुड़ गए और इन लोगो ने दिल्ली को चारो तरफ से घेर कर दिल्ली मैं आने वाले सभी रस्ते बंध कर दिए. भारत की राजधानी दिल्ली की सीमाएं हरियाणा व् उत्तर प्रदेश से मिलती है ,  दिल्ली जाने वाले सभी रास्तो पर किसान संघठनो ने आंदोलन करने के लिए सड़क पर टेंट लगाकर आंदोलन को गति दे दी.  सभा बॉर्डर पर किसानो ने ट्रेक्टर व् ट्रॉलिय

Indian Political Parties| Top 8 Political Parties of India |National Political Parties of India | BJP|Congress| Rahul Gandhi|Modi

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  Indian Political Parties दोस्तों आजाद भारत मैं राजनिति की शुरुआत कॉंग्रेस पार्टी के साथ हुई थी , उस समय भारत के अंदर वैसे तो राजनितिक मतभेद व्यक्तिगत स्तर पर तो थे जैसे की सरदार वल्लभ भाई पटेल व् जवाहर लाल नेहरू   और अन्य भी ऐसे कई उदाहरण इतिहास के पन्नो मैं हम टटोल सकते है परन्तु जहा तक   Indian Political Party की   बात आती है तो Congress के आलावा   भी party नहीं थी ,   Indian Freedom Fight के समय अन्य विचारधारा के freedom   fighters ने भी कई दल बनाये थे जैसे कलकत्ता मैं गरम दल के अनुयायियों ने भगत सिंह   जी के नेतृत्व में अनुशीलन समिति बनायीं गयी थी।   बाद मे   Allan Octavian Hume जो की British member of the Imperial Civil Service थे , उन्होंने सन 18185 मैं   congress  party  की स्थापना की   और Congress का   प्रथम अधिवेशन Bombay मै   28–31 December 1885 मैं हुआ था . Mr. Hume U. P. मै Etawah  Admistrative भी रहे थे।   Allan Octavian Hume ने उस समय सोचा की   कोई एक ऐसी बॉ

बर्बाद पाकिस्तान| Imran Khan Failed PM| Pakistan Army

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पाकिस्तान संसद में प्रधानमत्री इमरान खान ने बड़े ताव में आकर कहा की हमने फ्रांस के खिलाफ सभी मुस्लिम देशो को चिट्ठी लिखी है की हम सब को एक होकर दिखाना होगा और फ्रांस को बताना होगा की हमारे दिलो में नबी का क्या महत्त्व है" पिछले महीने फ्रांस में इतिहास विषय के अध्यापक ४७ वर्षीय सैमुअल पेटी की १८ साल के अब्दुल्लाख ने गला रेत के हत्या कर दी थी, हत्या की वजह अध्यापक द्वारा इस्लाम पैगम्बर का कार्टून दिखाना बताया जा रहा है।   इस हत्या को फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने इस्लामिक आतंकवाद की संज्ञा थी और कहा की फ्रांस इस तरह के इस्लामिक आतंकवाद को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा और हम इन हरकतों का मुँह तोड़ जवाब देंगे, फ्रांस में इस तरह की असभ्य व् अमानवीय हरकतों की कोई भी जगह नहीं है बस यही से दुनिआ भर के कटटर मुस्लिम संघठनो ने फ्रांस के खिलाफ सिलसिलेवार मोर्चा बंदी शुरू कर दी , भारत में भी कई शहरो में मुस्लिम संघठनो ने फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसका आम भारीतय समाज ने विरोध किया हालाँकि कुछ दलों में इनके लिए हमदर्दी भी दिखाई। पकिस्तानी प्रधानमंत्री को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं होगा की

मुफ़्ती, अब्दुल्ला को सत्ता चाहिए! FAROOKH ABDULLA, MAHBOOBA MUFTI

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  धारा ३७० के हटने के बाद से ही कश्मीर घाटी मैं तमाम बड़े नेताओ की राजनितिक दुकान पर ताला पड़ गया है।  अब्दुल्ला परिवार हो चाहे मुफ़्ती कोई भी बड़ा नेता बाहर दिखाई नहीं दिया, लेकिन अभी हाल ही महबूबा मुफ़्ती के घर पर हुई कुछ पार्टियों की एक बैठक ने फिर घाटी मैं राजनितिक सरगर्मियां तेज कर दी है।  इस का एक कारण यह भी है की इन  तमाम पार्टियों के शीर्ष नेतागण अब तक सरकार  के निर्देशानुसार अपने घर पर ही रह रहे थे व् लगभग १ साल बीत जाने के बाद अब वह सब  घाटी मैं अपनी  खोई हुई राजनितिक जमीन तलाश कर रहे है।  अभी कुछ दिन पहले है महबूबा मुफ़्ती के घर पर घाटी में  सक्रीय राजनितिक दलों  (पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, माकपा, पीपल्स यूनाइटेड फ्रंट, पैंथर्स पार्टी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल हैं.) के शीर्ष नेतृत्व की एक बैठक हुई और एक गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजिडी) बना जिसका उद्येश्य संविधान के अनुच्छेद ३७० के प्रावधानों को बहाल कराना है।  यह एलाइंस आजकल काफी चर्चा मैं बना हुआ है , टी वी डिबेट भी खूब जोर शोर से हो रही है। भाजपा का मानना है की कांग्रेस भी इस समझौते का हिस्सा है हालाँकि क